(प्रतियेगिता हेतु)
*उम्मीदें और कामयाबी*
जीवन यदि एक संग्राम है तो फिर
दिल को कहाँ आराम है।
लड़ते रहेंगे अपने ही विचारों से
कभी नई पीढ़ी से तो कभी पुराने संस्कारों से
उम्मीद सबसे बडी वजह है दुःख की
यही है जो दुश्मन है हर सुख की
उम्मीदों पर भला कभी कौन खरा उतरा है?
यह तो केवल पीतल पर चढ़ा सोने का पतरा है।
उम्मीद यदि इंसान से करोगे तो हमेशा धोखा ही खाओगे
वही उम्मीद परमात्मा से लगाओगे तो सर्व सुख पाओगे।
बात आशा और विश्वास की हो तो हर इंसान आपसे वफ़ा ही चाहेगा
पर जब मौका उसका आया तो वफ़ा किसी और पर दिखाएगा।
प्रेम और कामयाबी गर समर्पण से हासिल होती है तो
किसी एक पर पूरा समर्पण कर ले
उसी के लिए जी ले उसी पर मर ले
पर सावधान
अपना दिल अपनी जान उसी पर कर कुर्बान
जो तेरी भावना समझे दे भरपूर सम्मान
जिंदगी में सफलता की चाबी आज मुझसे ले लो।
या तो रोते रहो दिन रात
या परम सुख में रह लो l
उम्मीदें अपने चरित्र, गुणों और स्वयं से रखोगे तो
संसार की धूरी तुमपर घूमेगी
और
गुरू बनोगे सबके ,
कामयाबी तुम्हारे कदम चूमेगी ll
अपर्णा "गौरी"🌿
Punam verma
06-Apr-2023 08:50 AM
Nice
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Abhinav ji
06-Apr-2023 08:10 AM
Very nice 👌
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Renu
05-Apr-2023 09:47 PM
👍
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